झारखण्ड के पलामू जिले में तरहसी तहसील के कसमार गाँव में लगभग 10000 से अधिक की आबादी के बावजूद गाँव में या आसपास नहीं कोई भी सरकारी हॉस्पिटल
झारखण्ड के पलामू जिले में तरहसी तहसील के कसमार गाँव में लगभग 10000 से अधिक की आबादी के बावजूद गाँव में या आसपास नहीं कोई भी सरकारी हॉस्पिटल
वर्ष 2000 में केंद्र सरकार ने 15 नवम्बर (आदिवासी नायक बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर) को बिहार के दक्षिणी हिस्से को विभाजित कर झारखण्ड प्रदेश का सृजन किया गया एवं झारखण्ड को भारत का 28 वाँ राज्य बनाया गया । झारखण्ड प्रदेश बनने के बाद नागरिको में एक नई उम्मीद जगी की उन्हें अब शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ सम्बंधित सुविधाये अब और बेहतर तरीके से मिलेंगी . लेकिन 20 साल बाद भी प्रदेश में कुछ खास बदलाब नहीं हुआ .
2020 में हेमंत सोरेन की सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-2021 के लिए 86370 करोड़ रुपये का बजट झारखंड विधानसभा में पेश किया । बजट में किसानों, आदिवासियों के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा के दायरे में शामिल राज्य के 57 लाख परिवारों पर फोकस किया गया था। सरकार ने पूर्व में किए गए वादे के अनुरूप किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की थी । इस बाबत बजट में 2000 करोड़ रुपये के प्रावधान भी किया गया । बजट में जहां 57 लाख परिवारों को मुफ्त धोती, साड़ी और लुंगी देने की बात कही गई , वहीं 300 यूनिट से कम बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को 100 यूनिट मुफ्त बिजली के साथ-साथ 100 मोहल्ला क्लिनिक खोले जाने का प्रावधान भी किया गया। और स्वास्थ से सम्बंधित अनेको योजनाओ की घोषणा की गयी
झारखंड की हेमंत सरकार ने नए वित्तीय वर्ष का बजट में 86 हजार 370 करोड़ रुपये की योजनाएं शुरू की थी । गरीबों के लिए खजाना खोलते हुए सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने किसानों के लिए ऋण माफी योजना की घोषणा करते हुए 2000 करोड़ रुपये के खर्च का प्रस्ताव दिया था। 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली के साथ ही 100 मोहल्ला क्लिनिक खोले जाने और मुख्यमंत्री कैंटीन योजना की शुरुआत की गई । खजाने का मुंह खोलते हुए ग्रामीण इलाकों में मुफ्त परिवहन योजना के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण इलाकों में घर बनाने वाले गरीबों को 50 हजार रुपये अधिक दिए जाने की घोषणा भी की गई ।
स्वास्थ्य क्षेत्र की महत्वपूर्ण घोषणा
आदिवासी बहुल इलाकों में काम करने वाले विशेषज्ञ डॉक्टरों को 40 हज़ार रुपए अतिरिक्त प्रति माह देने की घोषणा । अन्य डॉक्टरों को 25 हज़ार रुपये दिए जाने की बात भी की गयी थी । शहरी क्षेत्रों के स्लम में 100 मोहल्ला क्लीनिक खोलने की योजना के साथ साथ एपीएल परिवारों को भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने की बात की गयी थी । 8 लाख तक की वार्षिक आय वाले परिवारों को गंभीर बीमारी के मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की योजना में इलाज के दौरान हुए खर्च का वहन राज्य सरकार द्वारा करने की बात की गई ।
एक हजार 92 स्वास्थ्य उप केंद्रों को हेल्थ एवं वेलनेस केंद्रों के रूप में विकसित करने की योजना
रांची स्थित रिनपास परिसर कांके में 300 बेड वाले कैंसर हॉस्पिटल खोला जाएगा, 100 बेड वाले अस्पताल का अगले वर्ष से संचालन होगा।
राज्य के सभी ग्रामीण चिकित्सा संस्थानों जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व उप स्वास्थ्य केंद्रों हेल्थ एवं वेलनेस केंद्रों के रूप में विकसित किया जाना है। आगामी वित्तीय वर्ष में एक हजार 92 स्वास्थ्य उप केंद्रों को हेल्थ एवं वेलनेस केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा, झारखण्ड सरकार का दावा था की वजट में स्वास्थ्य से सम्बंधित योजनाओ से ग्रामीणों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिलेगी । लेकिन जमीन हकीकत से इन वादों का दूर दूर तक कुछ
लेकिन जमीन हकीकत से इन वादों का दूर दूर तक कुछ लेना देना नहीं हैं , और इन वादों की पोल खोलती हैं पलामू जिले का तरहसी तहसील का कसमार गाँव, इस गाँव में इस समय लगभग 10000 से अधिक आबादी हैं और स्वास्थ सुविधा के नाम पर सिर्फ और सिर्फ न पुरे होते वादे .
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या कराए जाने के शासन और सरकार के सारे दावे सिर्फ कागजी हैं। एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना से जंग लड़ रही है। भारत में कोरोना के प्रतिदिन संख्या बढ़ रही हैं। संक्रमण ग्रामीण भारत में तेजी से पैर पसार रहा है, तो दूसरी ओर झारखण्ड के जिला पलामू के लोग अस्पताल के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
कसमार गाँव के पास बलियारी गाँव में एक सी एच सी सरकारी हॉस्पिटल हैं और इस हॉस्पिटल में डाक्टरों की जगह जानवर और गंदगी मिलती हैं
लगभग 10,000 से अधिक आबादी के इस गाँव की समस्या को लेकर ग्रामीणों ने अब हेल्पिंग ह्यूमन (HELPING HUMAN NGO) से शिकायत की हैं .
पलामू जिले का तरहसी तहसील का कसमार गाँव के निवासियों से हेल्पिंग ह्यूमन ने जल्द से जल्द उनकी मदद करना का आश्वासन दिया हैं